Thursday, August 26, 2010

सुनहरी बाते

फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते है!
फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैं!
यादे तो दिल में रहती है दोस्त मिल कर बिछड़ जाते है!

ग़म में हंसने वालो को कभी रुलाया नहीं जाता!
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता!
होने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से अपने!
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता!

कुछ बदली हुई तकदीर नज़र आती है!
दूर तक यादों कि ज़ंजीर नज़र आती है!
मैं देखूं तो क्या देखूं दोस्त!
हर चेहरे पर तेरी तस्वीर नज़र आती है!

न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता!
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता!
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे!
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!

आपकी पलकों पर रह जाये कोई!
आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!

Tuesday, August 3, 2010

  • मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
    समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
    जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
    करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
  • SUNAHARI BAATE..................

  • आपकी पलकों पर रह जाये कोई!
    आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
    चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
    अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!