Saturday, June 18, 2011

मेरी बातें .........

हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे!
अपनापन भी कुछ ज्यादा है आपसे!
न सोचेंगे सिर्फ उम्र भर के लिये!
क़यामत तक दोस्ती निभाएंगे ये वादा है आपसे!........................

कांटो सी चुभती है तन्हाई!
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई!
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे!
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई!......................................

कोशिश करो की कोई हम से न रूठे!
जिन्दगी में अपनों का साथ न छूटे!
रिश्ते कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ!
कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे!.............................