Monday, September 6, 2010

सायरी,

आपकी पलकों पर रह जाये कोई!
आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!


तेरे बिना जिन्दगी हम जिया नहीं करते!
धोखा किसी को हम दिया नहीं करते!
जाने कैसे तुमसे दोस्ती हो गई!
वरना दोस्ती हम किसी से किया नहीं करते!


समझा दो अपनी यादों को!
वो बिना बुलाये पास आया करती है!
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर!
वो पास आकर रुलाया करती है!

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है!
हम ने उदास रहने की आदत बना ली है!
हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में!
तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है!


हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे!
अपनापन भी कुछ ज्यादा है आपसे!
न सोचेंगे सिर्फ उम्र भर के लिये!
क़यामत तक दोस्ती निभाएंगे ये वादा है आपसे!


कुछ लिख नहीं पाते, कुछ सुना नहीं पाते!
हाल-ऐ-दिल जुबान पर ला नहीं पाते!
वो उतर गए हैं दिल की गहराइयों में!
वो समझ नहीं पाते और हम समझा नहीं पाते!