Sunday, October 30, 2016

प्रेम प्रसंग

मन बनाकर बैठे हम अपनी दास्तान सुनाने को,
वो आई न इस दरमियान और  बात मन में ही रह गयी.....


क्या लिखू इस जिंदगी में, खुशिया तो बस एक पल का नजराना
कभी भी कुछ भी हो जाता है, जाने कैसा है ये अफसाना ........  

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