Saturday, July 24, 2010

KUCH BAATE


यह सफ़र दोस्ती का कभी ख़त्म न होगा!
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा!
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी!
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!

जो हमारा प्यार है!
उन्हें किसी और से प्यार है!
बस हार गए हम यह जानकर!
कि जिससे उन्हें प्यार है, वो हमारा यार है!

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते!
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते!
मर गए पर खुली रखी आँखें!
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते!

उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!

आज यह कैसी उदासी छाई है!
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल!
जाने आज किसकी याद आई है!

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!

फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते है!
फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैं!
यादे तो दिल में रहती है दोस्त मिल कर बिछड़ जाते है!

ग़म में हंसने वालो को कभी रुलाया नहीं जाता!
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता!
होने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से अपने!
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता!








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