Thursday, November 25, 2010

MERI TANHAI.................

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है!
हम ने उदास रहने की आदत बना ली है!
हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में!
तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है!


हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे!
अपनापन भी कुछ ज्यादा है आपसे!
न सोचेंगे सिर्फ उम्र भर के लिये!
क़यामत तक दोस्ती निभाएंगे ये वादा है आपसे!


बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे!
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे!
तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे!
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे!

No comments:

Post a Comment